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Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda on Windows Pc

Developed By: RK Sharma

License: Free

Rating: 5,0/5 - 1 votes

Last Updated: December 28, 2023

Download on Windows PC

Compatible with Windows 10/11 PC & Laptop

App Details

Version 1.0
Size 3.7 MB
Release Date January 30, 23
Category Books & Reference Apps

App Permissions:
Allows applications to open network sockets. [see more (3)]

Description from Developer:
वेदों के विषय में संक्षिप्त विवरण
वेद सनातन धर्म के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं. यहीं नहीं, ये विश्व के सबसे पुरानी कृतियाँ हैं. इन्हें संसार का आदिग्रंथ कहा जा सकता है. इससे पहले कि हम आ... [read more]

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About this app

On this page you can download Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda and install on Windows PC. Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda is free Books & Reference app, developed by RK Sharma. Latest version of Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda is 1.0, was released on 2023-01-30 (updated on 2023-12-28). Estimated number of the downloads is more than 1,000. Overall rating of Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda is 5,0. Generally most of the top apps on Android Store have rating of 4+. This app had been rated by 1 users, 1 users had rated it 5*, 1 users had rated it 1*.

How to install Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda on Windows?

Instruction on how to install Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda on Windows 10 Windows 11 PC & Laptop

In this post, I am going to show you how to install Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda on Windows PC by using Android App Player such as BlueStacks, LDPlayer, Nox, KOPlayer, ...

Before you start, you will need to download the APK/XAPK installer file, you can find download button on top of this page. Save it to easy-to-find location.

[Note] You can also download older versions of this app on bottom of this page.

Below you will find a detailed step-by-step guide, but I want to give you a fast overview of how it works. All you need is an emulator that will emulate an Android device on your Windows PC and then you can install applications and use it - you see you're playing it on Android, but this runs not on a smartphone or tablet, it runs on a PC.

If this doesn't work on your PC, or you cannot install, comment here and we will help you!

Step By Step Guide To Install Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda using BlueStacks

  1. Download and Install BlueStacks at: https://www.bluestacks.com. The installation procedure is quite simple. After successful installation, open the Bluestacks emulator. It may take some time to load the Bluestacks app initially. Once it is opened, you should be able to see the Home screen of Bluestacks.
  2. Open the APK/XAPK file: Double-click the APK/XAPK file to launch BlueStacks and install the application. If your APK/XAPK file doesn't automatically open BlueStacks, right-click on it and select Open with... Browse to the BlueStacks. You can also drag-and-drop the APK/XAPK file onto the BlueStacks home screen
  3. Once installed, click "Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda" icon on the home screen to start using, it'll work like a charm :D

[Note 1] For better performance and compatibility, choose BlueStacks 5 Nougat 64-bit read more

[Note 2] about Bluetooth: At the moment, support for Bluetooth is not available on BlueStacks. Hence, apps that require control of Bluetooth may not work on BlueStacks.

How to install Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda on Windows PC using NoxPlayer

  1. Download & Install NoxPlayer at: https://www.bignox.com. The installation is easy to carry out.
  2. Drag the APK/XAPK file to the NoxPlayer interface and drop it to install
  3. The installation process will take place quickly. After successful installation, you can find "Summary of RigVeda SamVeda YajurVeda AtharvaVeda" on the home screen of NoxPlayer, just click to open it.

Discussion

(*) is required

वेदों के विषय में संक्षिप्त विवरण
वेद सनातन धर्म के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं. यहीं नहीं, ये विश्व के सबसे पुरानी कृतियाँ हैं. इन्हें संसार का आदिग्रंथ कहा जा सकता है. इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, मैं आपको बताना चाहूँगा कि वेद शब्द का अर्थ “ज्ञान” होता है. मूलतः वेद एक ही था. कालांतर में व्यास के द्वारा चार भागों में बाँटा गया. ये भाग अर्थात् संहिताएँ हैं –  ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद (Rigveda, Samveda, Yajurveda and Atharvaveda – four vedas). इनके प्रधान विषय क्रमशः प्राथना-मन्त्र, ऋचा-गायन, यज्ञ-मन्त्र और औषधीय ज्ञान हैं. वेदों का काल निश्चित नहीं है. इन्हें अपौरुषेय बताया गया है अर्थात् ये मानव रचित नहीं हैं, ऐसा माना जाता है. परन्तु कई ऋचाओं के रचनाकार ऋषियों के नाम ऋचाओं में मिलते हैं. इनमें पुरुष और स्त्रियाँ दोनों सम्मिलित हैं. अतः वेदों के रचनाकार का निर्धारण एक कठिन कार्य है. कुछ लोग इन्हें ईशा के 6000 वर्ष पूर्व के मानते हैं और कुछ इनका रचनाकाल 1500 ई.पू. बतलाते हैं. प्रत्येक वेद के अपने-अपने ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद् तथा उपवेद (Brahman, Aranyak, Upnishada and Upveda) हैं. इनका वर्णन नीचे द्रष्टव्य है –
ऋग्वेद (RIG VEDA)
चार वेदों में ऋग्वेद सबसे प्राचीन है. ऋग्वेद शब्द ऋक् (ऋचा अथवा मन्त्र) तथा वेद (विद् अर्थात् ज्ञान) से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है ज्ञान के सूक्त. ऋग्वेद (Rig veda)की संहिता (text) में 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10, 580 ऋचाएँ हैं. ऋग्वेद के अनेक मन्त्र यज्ञ से सम्बंधित हैं परन्तु उसमें कुछ ऐसे मन्त्र भी मिलते हैं जिन्हें आदिकालीन धार्मिक कविता का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण कहा जा सकता है.  ऋग्वेद (Rig veda) का रचनाकाल चाहे जो भी निर्धारित हो, इतना निश्चयपूर्ण कहा जा सकता है कि ऋग्वेद में भारतीय आर्यों के प्राचीनतम युग का इतिहास और उस युग की धार्मिक, सामजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक अवस्था का ज्ञान प्राप्त होता है.
i) ब्राह्मण – ऐतरेय ब्राह्मण और कौशीतकी ब्राह्मण
ii) आरण्यक – ऐतरेय आरण्यक, कौशीतकी
iii) उपनिषद् – ऐतरेय उपनिषद्
iv) उपवेद – आयुर्वेद
ऋग्वेद के विषय में अधिक जानकारी के लिए, यह लिंक खोल कर रखें >> Important Topics about Rigveda
सामवेद (SAMVEDA)
इस वेद में कुल 1549 ऋचाएँ हैं जिनमें से 75 को छोड़कर सभी ऋग्वेद संहिता (Rigved Samhita) से ली गई हैं. सामवेद (Samveda) की ऋचाओं का गान विविध वैदिक यज्ञों के अवसर पर होता था. सामवेद (Samveda) को संगीत-शास्त्र का आदि ग्रन्थ माना जाता है.
i) ब्राह्मण:-  पंचविश ब्राह्मण, जैमिनीय ब्राह्मण और सद्विंश ब्राह्मण
ii) आरण्यक:- तवलकर, छान्दोग्य
iii) उपनिषद्:- छान्दोग्य, जैमिनीय और केन उपनिषद्
iv) उपवेद:- गन्धर्ववेद
यजुर्वेद (YAJURVEDA)
यजुर्वेद (Yajurveda) की दो शाखाएँ हैं – कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद. कृष्ण यजुर्वेद दक्षिण भारत और शुक्ल यजुर्वेद उत्तर भारत में प्रचलित है. यजुर्वेद (Yajurveda) में 18 काण्ड हैं. यजुर्वेद में 3988 मन्त्र हैं. गायत्री मन्त्र और महामृत्युंजय मन्त्र यजुर्वेद में ही हैं. यजुर्वेद (Yajurveda) का प्रधान विषय यज्ञ कार्य है.
i) ब्राह्मण – तैत्तिरीय ब्राह्मण
ii) आरण्यक – वृहदारण्यक, तैत्तिरीय और मैत्रायणी
iii) उपनिषद् – मुण्डक उपनिषद्, ईशावास्योपनिषद्, माण्डुक्य उपनिषद् और प्रश्न उपनिषद्
iv) उपवेद:- धनुर्वेद
अथर्ववेद (ATHARVA VEDA )
अथर्वेद में 20 अध्याय और 5687 मन्त्र हैं. अथर्ववेद (Atharvaveda) के 8 खंड हैं. अथर्वेद गद्य-पद्य-मिश्रित है. इसमें औषाधियों, जादू-टोनों आदि विषय हैं. कुछ विद्वानों के अनुसार इस वेद के कई अंश ऋग्वेद (Rig veda) से प्राचीनतर हैं.
i) ब्राह्मण – गोपथ ब्राह्मण
ii) आरण्यक – इसका कोई स्वतंत्र आरण्यक नहीं है. यजुर्वेद के आरण्यक के कुछ अंश अथर्ववेद (Atharvaveda) के आरण्यक के रूप में जाने जाते हैं.
iii) उपनिषद् – इसका कोई स्वतंत्र उपनिषद् भी नहीं है. यजुर्वेद (Yajurveda) के उपनिषद् के कुछ अंश अथर्ववेद (Atharvaveda) के उपनिषद् के रूप में जाने जाते हैं.
iv) उपवेद:- स्थापत्यवेद
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